कुंडली मिलान भारतीय वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया मानी जाती है। यह न केवल जोड़े की ग्रह स्थिति और गुणों की संगतता का आकलन करता है, बल्कि उनके वैवाहिक जीवन के सुखद, शांतिपूर्ण और समृद्ध होने की संभावना को भी दर्शाता है।
ऐसा माना जाता है कि परिवार के विशेष सदस्य अद्वितीय खगोलीय पिंडों और उनकी विभिन्न गतियों, एक-दूसरे के साथ विन्यास और अग्नि, वायु, जल और पृथ्वी की दुनिया में स्पष्ट प्रौद्योगिकी और सड़ांध की प्रक्रियाओं के बीच मौजूद हैं। परिवार के ये सदस्य कभी-कभी इतने जटिल प्रतीत होते थे कि कोई भी मानवीय विचार उनके करीब नहीं आ सकता था; इस प्रकार, ज्योतिषी को संभवतः किसी भी त्रुटि के लिए आसानी से माफ़ कर दिया जाता है। परिवार के अद्वितीय सदस्यों का एक तुलनीय समूह उन लोगों के माध्यम से भी माना गया था जिनकी भौतिकी ग्रीक तर्कशास्त्री प्लेटो के समान थी।
क्यों आवश्यक है कुंडली मिलान?
- 1.गुण मिलान (अष्टकूट मिलान): वर और वधू की कुंडली में 36 गुणों का मिलान किया जाता है। यह उनकी संगतता और सामंजस्य को दर्शाता है।
- 2.दोष निवारण: मंगल दोष, कालसर्प दोष, और अन्य ग्रह दोषों की जांच और उनके उपाय सुझाए जाते हैं।
- 3.वैवाहिक सुख: कुंडली मिलान से यह समझने में मदद मिलती है कि शादी के बाद दांपत्य जीवन कैसा होगा।
- 4.आर्थिक स्थिति: शादी के बाद की आर्थिक स्थिति और समृद्धि का पूर्वानुमान।
- 4.संतान योग: संतान प्राप्ति और उनके भविष्य के बारे में भी संकेत मिलते हैं।
पंडित मनीष मिश्रा जी की विशेषता
- 5+ वर्षों का अनुभव।
- संपूर्ण वैदिक विधि द्वारा कुंडली मिलान।
- सरल और प्रभावी उपायों का सुझाव।
- आधुनिक जीवनशैली को ध्यान में रखकर व्यक्तिगत सलाह।
सेवा में शामिल है:
- अष्टकूट मिलान (36 गुणों का मिलान)।
- दोष और ग्रहों के प्रभाव की गहराई से जांच।
- विशेष उपाय और अनुष्ठान की सलाह।
- जोड़े के पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन का मार्गदर्शन।